फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा को लेकर बेरोजगार संघ ने उठाए सवाल, निशाने पर UKPSC और धामी सरकार
देहरादून: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा रविवार 5 मार्च को 624 केंद्रों पर एक लाख 42 हजार अभ्यर्थियों ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा संपन्न करवाई गई। एक बार फिर बेरोजगार संघ से जुड़े छात्रों ने इस परीक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बॉबी पंवार का कहना है कि 9 अप्रैल को आयोजित हुई वन आरक्षी परीक्षा का पेपर उसी दिन रात को हरिद्वार के एक गांव में अभ्यर्थियों को रटाए गए। सूत्रों द्वारा इसकी सूचना उन्हें सुबह मिली और जिन अभ्यर्थियों ने पेपर रटाया गया, उनके नाम भी बेरोजगार संघ के पास हैं। उन्होंने कहा कि जल्द एसटीएफ की टीम को उन अभ्यर्थियों के नाम दे रहे हैं, जिन्हें हरिद्वार स्थित एक गांव में परीक्षा से पहले पेपर रटा था।
बेरोजगार संघ ने कहा कि पटवारी का पेपर भी इसी गांव में अभ्यर्थियों को रटाने की सूचना उन्हें मिली थी। जिसकी शिकायत एसआईटी से व्हाट्सएप के माध्यम से की गई थी, लेकिन एसआईटी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री नकल विरोधी कानून पर जगह-जगह यात्रा निकाल रहे हैं तो दूसरी और पेपर आज भी लीक हो रहे हैं। बेरोजगार संघ ने आरोप लगाया कि नकल विरोधी कानून आने के बावजूद भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता नहीं अपनाई जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से बेरोजगार संघ ने नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफे की मांग उठाई है।
एसटीएफ ने बीते शनिवार को हरिद्वार के गुरुकुल नारसन के एमएस कोचिंग सेंटर में दबिश देकर संचालक मुकेश सैनी निवासी हरचंदपुर और रचित पुंडीर निवासी खंजरपुर, रुड़की को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के खिलाफ मंगलौर थाने में नए नकलरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपितों की ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से अभ्यर्थियों को नकल कराने की योजना थी। इन ब्लूटूथ डिवाइस को कपड़ों में सिलवाया जाना था। इस मामले में तीन अभ्यर्थियों के नाम भी सामने आए थे, जिन्होंने अलग-अलग केंद्रों पर परीक्षा देनी थी। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि अभी तक अभ्यर्थियों की संख्या 15 ही पता चल रही है। संख्या ज्यादा है या नहीं, इस बारे में भी अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। पूछताछ के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी।