मुख्यमंत्री धामी ने खिलाड़ियों को खेल रत्न और प्रशिक्षकों को द्रोणाचार्य अवार्ड से किया सम्मानित
देहरादून: उत्तराखंड के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल विभाग ने सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस सम्मान समारोह में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खिलाड़ियों को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार और देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को नगद पुरस्कार से भी सम्मानित किया। कार्यक्रम में वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 तक के देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार, देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार एवं वर्ष 2021 एवं 2022 में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों एवं उनके प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार प्रदान किए गए।
पुरस्कारों के साथ ही वर्ष 2021 एवं 2022 के राष्ट्रीय स्तर के 168 पदक विजेता खिलाड़ियों एवं 42 प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके लिए खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को 2.08 करोड़ की धनराशि वितरित गई। इस मौके पर सीएम पुष्कर धामी ने कहा उत्तराखंड के खिलाड़ी न सिर्फ नेशनल और इंटरनेशन प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं, बल्कि मेडल जीतकर उत्तराखंड और देश का नाम भी रोशन कर रहे हैं। जब कोई खिलाड़ी मेडल जीतता है तो वह सिर्फ एक परिवार का नहीं रहता है, बल्कि संपूर्ण राष्ट्र की भावना उससे जुड़ जाती है। धामी ने कहा प्रदेश के खिलाड़ियों में हिमालय से ज्यादा उत्साह और सागर से अधिक गहरा धैर्य है। उत्तराखंड खेल के मैदान में भी अग्रणी राज्य बने, इसके लिए नई खेल नीति लाई गई है।
सीएम धामी ने कहा प्रदेश से गरीब परिवारों के बच्चे जिनके पास प्रतिभा है, लेकिन साधन नहीं है। उनको खेल नीति से ज्यादा फायदा मिलेगा। सीएम धामी में कहा जब पुरस्कार मिलता है तो, सभी लोग सम्मानित करने के लिए समय मांगते हैं और सेल्फी लेते हैं। हालांकि, सरकार ने जो भी नीति लाई है, उसके लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही रिस्पांसिबिलिटी, आउटपुट और अकाउंटबिलिटी तय कर आगे बढ़ रही है। उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री उदयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना शुरू की थी, जिसके तहत प्रदेश भर के 8 से 14 वर्ष के उभरते खिलाड़ियों को प्रतिमाह 1500 रुपए खेल छात्रवृत्ति दी जा रही है। वर्तमान समय में प्रदेश के 3900 बच्चों को खेल छात्रवृत्ति का लाभ मिल रहा है। सरकारी नौकरियों में खेल कोटा को फिर से लागू करने का निर्णय लिया गया है।