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बागेश्वर उपचुनाव के रण में 6 दिग्गजों में होगी भिड़ंत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा और यशपाल के लिए कठिन परीक्षा

बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन करने की बीते गुरुवार को आखिरी तारीख थी। जिनमें कांग्रेस से बसंत कुमार, सपा से भगवती प्रसाद त्रिकोटि, यूकेडी से अर्जुन देव, उपपा से भगवत कोहली और एक निर्दलीय उम्मीदवार जगदीश चंद्र ने नामांकन भरा है। जिसमें कुल 5 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है। वहीं, बुधवार के दिन भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास ने भी नामांकन किया था। रिटर्निग ऑफिसर हरगिरि ने बताया की नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन तक कुल 6 प्रत्याशियों ने अभी तक नामांकन कर लिया है। जिनमें दो राष्ट्रीय पार्टी, तीन गैर मान्यता प्राप्त रजिस्ट्र पार्टियों के प्रत्याशी शामिल हैं। साथ ही एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी नामांकन करवाया है।

बागेश्वर उपचुनाव कांग्रेस के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के साथ ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के लिए यह परीक्षा की घड़ी से कम नहीं है। सुरक्षित विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे इस उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहता है, तो इससे प्रमुख प्रतिपक्षी दल दोहरे लाभ की स्थिति में रह सकता है। इससे अल्मोड़ा संसदीय सीट (सुरक्षित) समेत कुमाऊं मंडल की दोनों लोकसभा सीट पर पार्टी का मनोबल भी बढ़ सकेगा। कांग्रेस बागेश्वर उपचुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। उपचुनाव में अपने प्रदर्शन के माध्यम से पार्टी अल्मोड़ा संसदीय सीट के समीकरणों को भी साध रही है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट होने के कारण अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर पकड़ का अंदाजा पार्टी को लग सकेगा।

प्रदेश में प्रचंड बहुमत की सरकार होने के बावजूद भाजपा इस चुनाव को हल्के में नहीं ले रही है तो इसका प्रमुख कारण कांग्रेस से मिलने वाली चुनौती भी है। भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में ही डटे हैं। हालांकि, चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी रंजीत दास के भाजपा में जाने से प्रमुख प्रतिपक्षी दल को झटका लगा है, इसका जवाब पार्टी चुनाव में कांटे की टक्कर के रूप में देना चाह रही है। इसलिए पार्टी ने बसपा और आप प्रत्याशी के रूप में पिछले विधानसभा चुनाव में अपने बूते बेहतर प्रदर्शन करने वाले बसंत कुमार पर दांव खेला है। कांग्रेस इस उपचुनाव को पुष्कर सिंह धामी सरकार और भाजपा के विरुद्ध एंटी इनकंबेंसी फैक्टर के रूप में उभारने का पूरा प्रयास कर रही है।

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