उत्तराखंडदेहरादून

Uniform civil code रिपोर्ट की गई सार्वजनिक,392 अनुच्छेद चार खंडों में तैयार रिपोर्ट

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड को भारत में सबसे पहले उत्तराखंड में लागू किया जाएगा. उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी की रिपोर्ट पेश की जाएगी. राज्य सरकार इसे अक्टूबर-नवंबर तक लागू कर देना चाहती है. इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता उत्तराखंड-2024 विधेयक पेश किया था. इस विधेयक में 392 धाराएं हैं. 192 पन्नों के समान नागरिक संहिता विधेयक को चार खंड- विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) और विविध में विभाजित किया गया है. यूसीसी, उत्तराखंड की अनुसंधान रिपोर्ट को अब सार्वजनिक कर दिया गया है. रूल्स मेकिंग एंड इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के प्रमुख शत्रुघ्न सिंह, कमेटी के सदस्य एडीजी अमित सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ और देहरादून यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर सुरेखा डंगवाल की मौजूदगी में इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया.

शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण यूसीसी रिपोर्ट साझा नहीं हो पाई थी. 4 भागों में बँटी रिपोर्ट और नियमावली अब लॉन्च कर दी गई है. खास बात ये है कि यूसीसी रिपोर्ट के पहले पन्ने पर ही एक न्याय गीत दिया हुआ है. इस गीत को सिक्किम हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस परमोद कोहली ने लिखा है. यह गीत इस प्रकार है- इंसाफ करने की कसम खाई थी,इसलिए आंखों पर पट्टी लगाई थी।इंसाफ हो बिन देखे बिन पहचाने,कानून ने कुछ ऐसी रसम बनाई थी।मेरी खामोशी को, मेरी कमजोरी माना गया,इसलिए मुझे बतौर अंधा कानून जाना गया।न मैं अंधा हूं, न मैं खामोश हूं,अपनी ही बंदिश से रुपोश हूं।मैं समझ गया हूं, मुझे संवरना होगा,इसलिए अपने अंदाज को बदलना होगा।वक्त आ गया है, आंखों से पट्टी खोली जाएऔर सच्चाई आंखों के सामने तौली जाए। यूसीसी रिपोर्ट जारी करते हुए कमेटी के प्रमुख प्रमुख शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने से पहले भारत के वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक तमाम तरह के गहन अनुसंधान किए गए. अलग-अलग देशों में लागू पर्सनल लॉ का गहनता से अनुसंधान किया गया.

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