उत्तराखंडदेहरादून

गर्भवती महिलाओं को जल्द मिलेगी बर्थ वेटिंग होम की सुविधा, पिथौरागढ़ में खुलेगा पोषण पुनर्वास केंद्र

प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए शीघ्र ही गर्भवती महिलाओं को बर्थ वेटिंग होम की सुविधा मिलेगी। उत्तराखंड के सचिव स्वास्थ्य डॉ राजेश कुमार और मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। आर राजेश कुमार ने कहा मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं और संभावित तिथि से पहले बर्थ वेटिंग होम में राज्य के सभी 13 जिलों में स्थापित वन स्टॉप सेंटर और वर्किंग वुमेन हॉस्टल में रखे जाने के प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है।

1 माह से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने के लिए सीमांत जिला पिथौरागढ़ में पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र में कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को भर्ती कर मानकों के अनुसार पोषण चिकित्सा की देखभाल प्रदान की जाएगी। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए 150 करोड़ की बजट की मंजूरी दी है। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संभावित तिथि से पूर्व बर्थ वेटिंग होम की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।

यह कदम मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण होगा। आर राजेश कुमार ने बताया देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, उधम सिंह नगर, नैनीताल को मोबाइल टीबी वैन और टूनेट मशीन की सुविधा की स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही प्रदेश को मोतिया बिंद बैकलॉग मुक्त बनाने के लिए अब इनके स्क्रीनिंग के लिए टिहरी और पिथौरागढ़ जिलों को मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध कराए जाने को भी स्वीकृती मिली हैय उप जिला चिकित्सालय मसूरी में भी नेत्र सर्जरी हो पाएगी। मरीजों को पर्ची बनाने के लिए लंबी कतार से छुटकारा देने के लिए 14 अस्पतालों में कतार प्रबंधन व्यवस्था शुरू की जाएगी।

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