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चाय बागान मामले में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चुफाल ने रखा पक्ष, ‘अपनों’ पर लगाया षड्यंत्र रचने का आरोप

Uttarakhand BJP: उत्तराखंड की राजधामी देहरादून के ग्रामीण सीलिंग की भूमि पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय को स्थापित करने का विवाद और बढ़ गया है। मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू होने के बाद एडीएम देहरादून की तरफ से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल को नोटिस भेजा गया है, जिसको लेकर अब बिशन सिंह चुफाल ने इस पूरी कार्रवाई को षड्यंत्र बताते हुए मामले से खुद का पल्ला झाड़ लिया है। दरअसल, भाजपा प्रदेश मुख्यालय के लिए खरीदी गई जमीन बिशन सिंह चुफाल के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने ली थी। क्रेता के रूप में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल का नाम उस दौरान दर्ज किया गया। ऐसे में बिशन सिंह चुफाल को भी नोटिस भेजा गया है। बिशन सिंह चुफाल ने देहरादून अपर जिलाधिकारी को एक ऐसा पत्र भेजा जिसने इस मामले में और बवाल खड़ा कर दिया है।

बिशन सिंह चुफाल ने अपर जिलाधिकारी को नोटिस के जवाब में लिखे पत्र में कहा कि खरीदी गई भूमि उत्तराखंड भाजपा मुख्यालय के रूप में ली गई थी। इसका खरीदार उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष था। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट है इसलिए नोटिस भी उन्हीं के नाम से जाना चाहिए था। बिशन सिंह चुफाल ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पूरे देहरादून जिले में ना तो उनके पास कोई जमीन है और ना ही उनके रिश्तेदारों के नाम से कोई जमीन खरीदी गई है। लिहाजा, इस पूरी प्रक्रिया में उनका नाम हटाते हुए प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महेंद्र भट्ट के नाम से आगे की कार्रवाई की जाए। बिशन सिंह चुफाल कहते हैं कि वह 6 बार से लगातार विधायक हैं, लेकिन पहली बार जब वह विधायक बने थे, उस समय उनके पास जितनी संपत्ति थी, आज भी उतनी ही संपत्ति मौजूद है। ऐसे में उनके कुछ मित्र और चाहने वाले उनको इस मामले में बेवजह घसीट रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है और उनकी ही सरकार के एक विधायक को इस तरह नोटिस मिलना और विधायक का इसे षड्यंत्र के रूप में देखना बेहद चौंकाने वाला है।

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