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उत्तराखंड: धामी सरकार की नई पर्यटन नीति, बड़े निवेशकों को प्रोत्साहित करने पर फोकस

Uttarakhand New Tourism Policy: उत्तराखंड में अब पर्यटन विकास नई ऊंचाई छुएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासों में जुटी धामी सरकार अब नई पर्यटन नीति लेकर आई है। सरकार निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। राज्य में जो निवेशक हेली टूरिज्म, कैरावेन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर के इलेक्ट्रिक वाहनों में पूंजी निवेश करेगा, उसे सरकार शत-प्रतिशत सब्सिडी देगी। पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस की वेबसाइट पर निवेशकों के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा।

नई पर्यटन नीति में प्रदेश के सभी 13 जिलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणियों के हिसाब से इनमें पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए 25 से लेकर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। नई पर्यटन इकाइयों को स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट का प्रविधान किया गया है। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा देने वाले निजी ऑपरेटरों को भी प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की गई है। नई पर्यटन नीति आगामी सात वर्षाें, यानी वर्ष 2030 तक के लिए होगी। नीति में पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रविधान किए गए हैं। इसके अनुसार साहसिक पर्यटन का ढांचा स्थापित करने वाली नई इकाइयों को 100 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी, लेकिन यह जीएसटी से जुड़ी होगी।

ये हैं शहरों की श्रेणियां

नई नीति में पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए शहरों को तीन श्रेणियों में रखा गया है।

श्रेणी-ए: हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर, देहरादून, रानीखेत, अल्मोड़ा तहसील।

श्रेणी-बी: जिला अल्मोड़ा शेष क्षेत्र, देहरादून जिले की कालसी, चकराता और त्यूनी तहसील, बागेश्वर का गरुड़, पौड़ी जिले का कोटद्वार, लैंसडौन, यमकेश्वर और धूमाकोट तहसील, टिहरी गढ़वाल की धनौल्टी और नरेंद्रनगर तहसील।

श्रेणी-सी: उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले का शेष क्षेत्र, पौड़ी और टिहरी जिले के वे शेष क्षेत्र जो श्रेणी-बी में शामिल नहीं हैं।

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