उत्तराखंडदेहरादून

नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत, शव घर के बाहर फेंककर चला गया स्टाफ..हाथ टूटे व शरीर पर चोट के निशान

Dehradun: चंद्रबनी स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद हंगामा हो गया। केंद्र का स्टाफ मृतक के शव को घर के बाहर छोड़कर चला गया। युवक का शव घर के बाद देखने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा किया। इस दौरान स्थानीय लोग भी वहां एकत्रित हो गए। लोग सड़क जाम करने की जिद पर अड़े हैं। वहीं, मौके पर शव उठाने पहुंची एंबुलेंस को भी लोगों ने लौटा दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस भी मौके पर पहुंची है। मृतक के शव पर पर चोटों के निशान भी हैं। क्लेमेनटाउन पुलिस ने केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि टर्नर रोड निवासी देवानंद के बेटे सिद्धू को 22 मार्च को चंद्रबनी स्थित आराध्या फाउंडेशन नाम के केंद्र में भर्ती कराया गया था। परिजनों ने केंद्र संचालकों पर उनके बेटे से मारपीट कर हत्या का अरोप लगाया। युवक के शरीर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं। मृतक के हाथ पांव बुरी तरह से तोड़े हुए हैं। स्‍वजनों ने मृतक के शव को कमरे में बंद कर हंगामा शुरू कर दिया है।

मौके पर सीओ सदर पंकज गैरोला व पुलिस टीम पहुंच चुकी है। स्वजनों की मांग है कि आरोपितों को यहां पर लाया जाए और डीएम घटना का संज्ञान लेकर नशा मुक्ति केंद्र को बंद करवाएं। मृतक सिद्धार्थ उर्फ सिद्धू की बहन गुंजन ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 7:00 बजे वह घर पर सो रहे थे। इसी दौरान अचानक एक कार आई और उनके भाई को घर के बाहर फेंक कर चली गई। वह सिद्धार्थ को कमरे के अंदर ले गए जहां उसकी सांस नहीं चल रही थी। सिद्धार्थ के हाथ तोड़े हुए हैं और पीठ व शरीर के निचले हिस्‍सों पर चोटों के निशान हैं। गुंजन ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल कराया गया था। नशा मुक्ति केंद्र वालों ने उनसे पांच हजार रुपये प्रति माह लिया था और छह महीने इलाज करने की बात कही थी। नशामुक्ति केंद्र वाले न तो मिलने देते थे और न ही फोन पर बात करने देते थे। सिद्धार्थ के माता पिता कि कुछ समय पहले मृत्यु हो चुकी है।

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