उत्तराखंड में वन्यजीव तस्करी का भंडाफोड़, नेपाल के रास्ते चीन भेजने की फिराक में थे बाघ की खाल और हड्डियां
Uttarakhand Wildlife Smuggling Case: वन्यजीव तस्करी की रोकथाम में जुटी उत्तराखंड एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। उधम सिंह नगर के बाजपुर से एसटीएफ की टीम ने तीन वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया है। तीनों तस्करों के कब्जे से दो बाघों की खाल और 35 किलो बाघ की हड्डी बरामद की गई है। जनपद ऊधम सिंह नगर के काशीपुर क्षेत्र निवासी तस्कर लंबे समय से वन्यजीव अंगों की तस्करी में शामिल रहे हैं। एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी बाघ की खाल और हड्डी को काशीपुर से लाए थे। सीओ एसटीएफ सुमित गंडे के नेतृत्व में वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली और तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर की संयुक्त टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
एसटीएफ के अनुसार तस्कर खालों और हड्डियों को नेपाल के रास्ते चीन भेजने की फिराक में थे। वन्य जीव तस्करों का नेटवर्क उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक फैला हुआ है। एसटीएफ तस्करों से पूछताछ में जुटी हुई है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि तस्कर खाल और हड्डियों को काशीपुर से लाए थे और बेचने के लिए रुद्रपुर ले जा रहे थे। बताया कि तीनों कुख्यात वन्यजीव तस्कर हैं और काफी समय से उत्तराखंड व सीमावर्ती उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं। जुलाई में बाघ की खाल के साथ जिन सात तस्करों को गिरफ्तार किया गया था, तीनों उसी गैंग से जुड़े हुए हैं। एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में यह भी जानकारी मिली है कि तस्कर नेपाल के रास्ते खाल और हड्डियों को चीन भेजने के फिराक में थे। गिरफ्तार तस्करों की पहचान शमशेर, कुलविंदर और जोगा सिंह निवासी शिव कॉलोनी सर्वर खेड़ा ऊधमसिंहनगर के रूप में हुई।