आखिर क्यों रद्द हुई पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत की वर्चुअल रैलियां ?
कोरोना गाइडलाइन के तहत इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी बड़ी जनसभाओं के बजाय वर्चुअल रैलियां आयोजित की जा रही है। जिसमें सभी पार्टियों के नेता सोशल मीडिया के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र के लोगों को संबोधित कर रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत से लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जनता को संबोधित कर रहे हैं।
भाजपा के कई बड़े नेता इन दिनों वर्चुअल रैली के जरिए लोगों को संबोधित कर रहे हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को 23 जनवरी को दोपहर 3:00 बजे से चकराता ,भगवानपुर और धरमपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को संबोधित करना था। जिसके लिए बकायदा भाजपा की ओर से पूरा सेड्यूल भी जारी किया गया था। लेकिन रैली के 1 दिन पहले ही तीनों वर्चुअल रैलियों को स्थगित कर दिया गया। हालांकि भाजपा इसे रूटीन प्रोसेस बता रही है और जल्द ही वर्चुअल रैली की बात कह रही है।
लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत की वर्चुअल रैली को लेकर संगठन में कुछ नेताओं ने विरोध जताया था। और यह कहा गया था की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की वर्चुअल रैली से चुनाव में सकारात्मक असर नहीं दिखेगा जिसके बाद ही इन वर्चुअल रैलियों को रद्द किया गया।
ऐसा पहली बार नहीं है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनावी जनसभाओं मैं संबोधित करने के लिए नहीं बुलाया जा रहा है इससे पहले सल्ट विधानसभा उपचुनाव में भी उनकी कोई भी जनसभा आयोजित नहीं की गई। बकायदा भाजपा संगठन के नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने यह कहा कि अगर त्रिवेंद्र संबोधित करेंगे तो भाजपा को वोट मिलने के बजाय नुकसान हो जाएगा। भाजपा में चल रहा नेताओं के बीच कोल्ड वार भले ही नजर ना आ रहा हो। लेकिन जिस तरह अचानक वर्चुअल रैली रद्द की गई है उससे सवाल उठने लाजमी हैं।