उत्तराखंडदेहरादून

69th National Film Awards: उत्तराखंड की सृष्टि की फिल्म ‘एक था गांव’ को मिला सर्वश्रेष्ठ गैर फीचर फिल्म का पुरस्कार

देवभूमि की बेटियां अपने पहाड़ जैसे मजबूत जज्बे और हुनर की बदौलत सफलता का शिखर चूम रही हैं। इन्हीं बेटियों में शामिल हैं युवा फिल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखिका सृष्टि लखेड़ा। सृष्टि लखेरा की फिल्म ‘एक था गांव’ को बेस्ट नॉन फीचर फिल्म का अवॉर्ड मिला है। सृष्टि ने इस फिल्म का प्रोडक्शन और निर्देशन किया है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सृष्टि को पुरस्कार से नवाजा। हालांकि, 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा पहले ही हो चुकी थी, लेकिन आज यानी 17 अक्टूबर सभी विजेताओं को ये अवॉर्ड दिए गए।

बता दे, ‘एक था गांव’ फिल्म खाली होते पहाड़ों की पृष्ठभूमि पर बनाई गई है। इस फिल्म में पहाड़ों की मौजूदा हकीकत के साथ घोस्ट विलेज यानी खाली होते गांवों की कहानियों को दिखाया गया है। इसके अलावा इस फिल्म में पलायन और पहाड़ से जुड़े दूसरे मुद्दों को भी बखूबी पर्दे पर उतारा गया है। एक था गांव फिल्म को कीर्तिनगर के सेमला गांव की सृष्टि लखेड़ा ने बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘एक था गांव’ की निर्देशक सृष्टि लखेड़ा को सराहा। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि ‘मुझे खुशी है कि महिला फिल्म निर्देशक सृष्टि लखेड़ा ने ‘एक था गांव’ नामक अपनी पुरस्कृत फिल्म में एक 80 साल की वृद्ध महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। महिला चरित्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता एवं सम्मान में वृद्धि होगी।’

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