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12 ऑक्सीजन कंटेनर्स की है जरूत…… आख़िर कैसे आएगी 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन

उत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ने लगी है । प्रदेश के अस्पतालों मेंऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के लिए 10 लीटर प्रति मिनट और ICU के लिए 24 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जरूरत होती है। हालाकिं रुड़की के अस्पताल में मरीजों की मौत का मामला छोड़ दें तो अभी तक ऑक्सीजन कमी का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन अब बढ़ते मामले ऑक्सीजन की कमी की ओर भी इशारा करने लगे हैं।

राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने जानकारी दी है कि प्रदेश में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और आईसीयू मिलाकर कुल 165.18 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यक्ता है। अभी जो बेड भरे हैं उसके हिसाब से 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है । अभी राज्य में 126 मीट्रिक टन उपलब्ध हो रही है, 5 मेट्रिक टन ऑक्सीजन अस्पतालों के प्लांट से उपलब्ध हो रही है, वहीं जल्दी ही 4 मीट्रिक टन ऑक्सीजन नये अस्पताल प्लांट्स से मिलेगी,

राज्य को केंद्र की ओर से 183 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन हुआ है। जिसमें 60 मीट्रिक टन राज्य के बाहर से आना है , जिसमें 40 मीट्रिक टन झारखण्ड से आना है, और 20 मीट्रिक टन दुर्गापुर बंगाल से आना है, जिसके लिए 12 ऑक्सीजन कंटेनर की आवश्यकता है , आज 2 कंटेनर उपलब्ध हुए हैं, शुक्रवार तक 4 और कंटेनर मिल जाएंगे, अभी मरीजों के हिसाब से व्यवस्था ठीक है, लेकिन अगर मरीज बढ़ते हैं तो और कंटेनर्स की आवश्यकता पड़ेगी।

ऐसे में उत्तराखंड को इस समय सबसे ज्यादाऑक्सीजन कंटेनर्स की जरूरत है, क्योंकि ऑक्सीजन लाने के लिए खाली कंटेनर्स अभी राज्य के पास उपलब्ध नहीं हैं।

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