पानी-पानी हुआ उत्तराखंड! जगह जगह फंसे 9400 यात्री…आज सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
उत्तराखंड में बीते एक हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक सब प्रभावित हैं। पहाड़ों में बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई है, जबकि मैदानी इलाकों में बहने वाली नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। बारिश के कारण पहाड़ों में कई रास्ते टूट चुके हैं तो मैदानी जिलों में जलभराव ने लोगों की समस्याओं को कई गुना बढ़ा दिया है। आसमान से बरस रही आफत के रूप में बारिश ने प्रदेश की 3 बॉर्डर रोड, 6 नेशनल हाईवे समेत कुल 297 सड़कें बंद कर दी है। चारधाम यात्रा मार्ग बाधित होने से 9400 से अधिक यात्री अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। इनमें कांवड़ यात्री भी शामिल हैं। प्रशासन ने सभी को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया है। मार्गों पर मलबा आने से 503 गांव जिला मुख्यालय से अलग-थलग पड़ गए हैं। 123 गांवों में बिजली-पानी की आपूर्ति और 50 से अधिक गांवों में संचार सेवा ठप है।
पिछले छह दिन से जारी मूसलाधार वर्षा से उत्तराखंड में जनजीवन बेहाल है। उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग और रुद्रप्रयाग व चमोली में बदरीनाथ राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन से बाधित हो गए हैं। उत्तरकाशी के खीरगंगा में बाइक से आए करीब 400 कांवड़ यात्री, गंगनानी में दो हजार से अधिक यात्री और चमोली में बदरीनाथ राजमार्ग पर करीब तीन हजार यात्री फंसे हुए हैं। इसके अलावा चमोली में बदरीनाथ धाम जा रहे चार हजार तीर्थयात्रियों को जिला प्रशासन ने देर शाम सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न पड़ावों पर ही रोक दिया है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार को देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में भारी वर्षा की आशंका जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए पौड़ी, चमाेली, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में गुरुवार को भी 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। ऋषिकेश, हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। राज्य के छह जल विद्युत गृहों में उत्पादन ठप है।