परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में जुड़े उत्तराखंड के तीन लाख छात्र, पीएम मोदी ने छात्रों को बताए सफलता के सूत्र
बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें संस्करण में छात्रों से बात की और उन्हें एग्जाम स्ट्रेस को दूर भगाने के उपाय बताए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ परीक्षा पे चर्चा 2025 के लिए 3.30 करोड़ से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया था। उत्तराखंड से भी करीब 3 लाख छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया। देश भर से लगभग 2,500 चयनित छात्रों को व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला। पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पर चर्चा’ के दौरान छात्रों को नेतृत्व क्षमता के गुर सिखाए। उन्होंने गंभीर मुद्दों को सरलता और सहजता से समझाने का प्रयास किया।
पीएम मोदी ने बच्चों के पैरेंट्स को भी एडवाइस दी। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों की स्किल पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हर बच्चा अलग-अलग फील्ड में अच्छा होता है। उन्होंने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि वो खेल में अच्छे हैं, पढ़ाई में नहीं। साथ ही उन्होंने खुद के बारे में भी बताते हुए कहा कि एक बार उनसे पूछा गया था कि अगर वो प्रधानमंत्री नहीं होते, मंत्री होते तो कौन सा डिपार्टमेंट चुनते। इसपर उन्होंने कहा कि वो स्किल डिपार्टमेंट चुनते, क्योंकि स्किल बहुत जरूरी है। पीएम मोदी ने छात्रों को फेलियर से बचने के भी टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि फेल हो जाने से जिंदगी नहीं अटकती। आपको ये तय करना होगा कि आपको किताबों में सफल होना है या जीवन में सफल होना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को चुनौतियों से लड़ने का मंत्र भी दिया। पीएम बोले, ‘आपको अपने अंदर की चुनौतियों से लड़ना होगा। मान लीजिए, पिछली बार आपके 30 अंक आए थे। तो आपको इस बार कोशिश करनी चाहिए कि आप इस बार 35 अंक लेकर आएं। ऐसा करके आपको अपने लक्ष्य की सीमा को बढ़ाना चाहिए। यह आपके लिए एक चुनौती है। इसके लिए आपको खुद की चुनौतियों से लड़ना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का प्रसारण मसूरी महात्मा सरस्वती शिशु मंदिर में छात्रों ने सुना। इस अवसर पर, नगर पालिका मसूरी की अध्यक्ष मीरा सकलानी ने छात्रों को परीक्षा की तैयारी और मानसिक स्वास्थ्य पर टिप्स दीं। उन्होंने कहा कि समय प्रबंधन, नियमित अध्ययन और सकारात्मक सोच सफलता की कुंजी हैं।