उत्तराखंड में अवैध खनन को लेकर संसद में उठाया मुद्दा, खनन के आरोप का खनन सचिव ने दिया जवाब
हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में अवैध खनन का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में लगातार हो रहे अवैध खनन पर अपनी चिंता जाहिर की है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सदन में जिस तरह के अवैध खनन का मुद्दा उठाया, उसने शासन-प्रशासन के दावों पर सवाल जरूर खड़े किए है, जिसमें प्रशासन अवैध खनन पर लगाम लगाने की बात करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड के पाँच जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि सरकारी राजस्व को भी हानि पहुंच रही है। राज्य सरकार और प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद खनन माफिया अवैध ट्रकों का संचालन खुलेआम कर रहे हैं।
इन ट्रकों में भारी मात्रा में ओवरलोडिंग की जाती है। बिना किसी वैध अनुमति के खनन सामग्री को ले जाया जाता है। इन अवैध गतिविधियों के कारण प्रदेश की सड़कों और पुलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। रावत ने संसद में उत्तराखंड में अवैध खनन पर चिंता जताकर धामी सराकर को कठघरे में खड़ा कर दिया। सांसद के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत ने इन्हें सिरे से खारिज कर दिया। संत ने कहा कि उत्तराखंड में पहली बार खनन से रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है, जो तय लक्ष्य से अधिक है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अवैध खनन रोकने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स बेहतर तरीके से काम कर रही है। खनन सचिव ने स्पष्ट किया कि खनन से जुड़े वाहनों को केवल रात में संचालन की अनुमति है, क्योंकि दिन के समय नौ-एंट्री और पर्यटक यात्री वाहनों का दबाव बना रहता है।