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Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने किया घोड़ा लाइब्रेरी का जिक्र, जानिए इसकी खासियत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में नैनीताल जिले के कोटाबाग की घोड़ा लाइब्रेरी को युवाओं के लिए मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में शिक्षा को हमेशा एक सेवा के रूप में देखा जाता है। मुझे उत्तराखंड के कुछ ऐसे युवाओं के बारे में पता चला है, जो इसी भावना के साथ बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की है। इस लाइब्रेरी की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिये बच्चों तक पुस्तकें पहुंचाई जा रही हैं और ये सेवा बिल्कुल निश्शुल्क है। दैनिक जागरण ने युवाओं की इस पहल को सबसे पहले प्रकाशित किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी युवाओं को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री ने घोड़ा लाइब्रेरी की खुलकर प्रशंसा करते हुए कहा कि इस लाइब्रेरी ने अब तक कोटाबाग के 12 गांवों तक पहुंच बनाई है। बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खुलकर आगे आ रहे हैं। इस घोड़ा लाइब्रेरी के जरिये यह प्रयास किया जा रहा है कि दूरदराज के गांवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा कविताएं, कहानियां और नैतिक शिक्षा की किताबें भी पढ़ने का पूरा मौका मिले। नैनीताल जिले के कोटाबाग गांव में हिमोत्थान संस्था व संकल्प यूथ फाउंडेशन की मदद से घोड़े की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी शुरू की गई है। कोटाबाग के आंवलाकोट निवासी शुभम बधानी ने बताया कि वह हिमोत्थान संस्था के लाइब्रेरी कार्डिनेटर व संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था के अध्यक्ष हैं।

इस साल 10 जून को आई आपदा की वजह से दूरस्थ गांवों में काफी नुकसान हुआ। तब उन्होंने युवाओं के साथ मिलकर बच्चों को साहित्य और नैतिक शिक्षा से जोड़ने की मुहिम शुरू की। प्रधानमंत्री के संबोधन से उनका उत्साह बढ़ा है। कोटाबाग ब्लाक के बाघिनी गांव से घोड़ा लाइब्रेरी शुरू करने का निर्णय लिया गया। इस गांव के लोगों की मदद से एक घोड़ा मिला। घोड़े की पीठ पर पुस्तकें लेकर वह टीम के साथ गांव में निकले और बच्चों को पुस्तकें दीं। जलना तोक व आलेख गांव से भी कहीं आगे घोड़ा लाइब्रेरी पहुंच गई है। युवाओं की टोली की ओर से अब तक 600 पुस्तकें बांटी जा चुकी हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

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