तीर्थनगरी में उफनती गंगा में बहने लगा कांवड़िया, पुलिस का जवान बना ‘देवदूत’
त्रिवेणी घाट और आसपास क्षेत्र में तैनात जल पुलिस के जवान यहां डूबने वाले श्रद्धालुओं के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं. जल पुलिस के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए एक कांवड़िये को डूबने से बचा लिया. बताया जा रहा है कि कांवड़िया जल लेने के लिए नदी में गया था, जो तेज बहाव के कारण बह गया. रविवार सुबह मध्य प्रदेश से आया एक कांवड़िया गंगा में डूबने लगा. भारी बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. कांवड़िया नदी में करीब 400 मीटर दूर तक बहता चला गया. जल पुलिस के हेड कांस्टेबल हरीश गुसाई ने जान की परवाह न करते हुए उफनती गंगा में छलांग लगा दी. जिसके बाद हेड कांस्टेबल ने इस कांवड़िया को मौत के मुंह से बाहर निकाला.
त्रिवेणी घाट पर फूल बेचने वाले युवक पवन ने भी उसे नदी से बाहर निकलने में मदद की. त्रिवेणी घाट पुलिस चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए नीलकंठ महादेव मंदिर जा रहे हैं. कई श्रद्धालु त्रिवेणी घाट में गंगा स्नान के लिए आते हैं. रविवार के रोज यहां पर काफी भीड़ थी, एक कांवड़िया जल लेने के लिए गंगा में गया और वह पानी के तेज बहाव के साथ बहने लगा. मौके पर मौजूद जल पुलिस चौकी के हेड कांस्टेबल हरीश गुसाई ने उसे बचाने के लिए गंगा में छलांग लगा दी. जिसे रस्सी के सहारे किसी तरह से बाहर निकाला गया. त्रिवेणी घाट के युवक पवन ने भी इस कार्य में आगे बढ़कर मदद की. कांवड़िये की पहचान गणेश (34 वर्ष) पुत्र जगदीश ग्राम सीगान ईशा नगर छतरपुर मध्य प्रदेश के रूप में हुई है. वह अपने साथियों के साथ यहां आया था.