ISRO की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, उत्तराखंड के इन जिलों में भूस्खलन से सबसे अधिक खतरा
उत्तराखंड के जोशीमठ की खबरें अभी पुरानी भी नहीं हुईं कि एक और चौंकाने वाली खबर सामने आ गई है। ISRO ने भूस्खलन एटलस जारी किया है। रिपोर्ट में भूस्खलन जोखिम विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सर्वाधिक भूस्खलन प्रभावित 147 जिलों में उत्तराखंड के सभी 13 जिले शामिल हैं। यह डेटाबेस हिमालय और पश्चिमी घाट में भारत के 17 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में भूस्खलन-संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल करता है। इसरो द्वारा भूस्खलन पर किए गए जोखिम अध्ययन के मुताबिक उत्तराखंड के 2 जिले देश के 147 संवेदनशील जिलों में टॉप पर हैं।
इस सर्वे के मुताबिक रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में भूस्खलन जोखिम वाले टॉप जिले हैं। बता दें कि चमोली जिले का जोशीमठ शहर इन दिनों भूस्खलन के खतरे की चपेट में है। वैज्ञानिक इसकी तकनीकी जांच कर खतरे को भांप रहे हैं। बहरहाल उपग्रह से लिए गए चित्रों की रिपोर्ट बता रही है कि उत्तरकाशी देश में 21वें स्थान पर है। पौड़ी गढ़वाल की 23वीं और देहरादून जिले की 29वीं रैकिंग हैं। देश में सबसे अधिक भूस्खलन घनत्व वाला जिला रुद्रप्रयाग है। यानी भूस्खलन से इस जिले को सबसे अधिक सामाजिक और आर्थिक क्षति होने का खतरा है। यही स्थिति टिहरी जिले की भी है।
भूस्खलन की दृष्टि से पूरा प्रदेश संवेदनशील है। एटलस के मुताबिक, भूस्खलन के लिहाज से सबसे अधिक जोखिम भरे पहले दो जिले उत्तराखंड में तो सबसे कम संवेदनशील जिले हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर भी राज्य में ही हैं। वही, सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यह भी है कि जल्द ही उत्तराखंड की चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है। ऐसे समय में भूस्खलन का यह आंकड़ा सामने आना सरकार की चिंता बढ़ाएगा। चारधाम यात्रा के लिए जाने वालों के लिए रुद्रप्रयाग जिला वैसे भी एक अहम कड़ी है।