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UPSC Civil Exam 2022: कम संसाधनों में पहाड़ी जिलों से निकलकर बन गई आईएएस अफसर

सिविल सेवा परीक्षा 2022 में उत्तराखंड की बेटियों ने फिर सफलता हासिल कर देवभूमि का नाम रोशन किया है। खास बात ये है कि उत्तराखंड से जो भी बेटियां सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुई हैं, वे सभी पहाड़ी जिलों से आती है। साथ ही सिविल सेवा परीक्षा में एक बार फिर बेटियों ने ही कमाल किया है। सिविल सेवा परीक्षा 2022 में बागेश्वर की कल्पना पांडेय ने सफलता हासिल की है। कल्पना गरुड़ के पास खडेरिया की रहने वाली है। जिन्होंने 102 वीं रैंक प्राप्त की है। परिवार की बात करें तो कल्पना तीन बहनों में सबसे छोटी है और कल्पना के पिता गरुड़ बाजार में दुकान चलाते हैं और उनका नाम है रमेश चंद्र पांडे। माता मंजू पांडे सीएचसी बैजनाथ में एएनएम के पद पर है। कल्पना ने कक्षा 10 तक की शिक्षा गरुड़ से ही प्राप्त की है। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चली गई थी। कल्पना गांव की पहली आईएएस अधिकारी बनी है। जिससे पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।

एक ओर पहाड़ी जिले रुद्रप्रयाग की बेटी कंचन डिमरी ने भी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में सफलता हासिल की है। कंचन बहुत ही सामान्य परिवार में पलीं बढ़ीं और उन्होंने स्वयं के संसाधनों से इस सफलता को हासिल किया है। रुद्रप्रयाग की कंचन डिमरी मुख्यालय से सटे गांव स्वीली की रहने वाली हैं। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी बीते कई वर्षो से दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सामान्य नौकरी पर हैं। उस बेटी ने अपनी मेहनत और स्वयं के संसाधनों से सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। कंचन ने बताया कि उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि मन में दृढ़ संकल्प था कि वह अपने लक्ष्य को पाने में जरूर कामयाब होगी।

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