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Kedarnath dham: बरसात में कैसे होगी यात्रा, प्रशासन ने तैयार किया है ये खास प्लान

मानसून उत्तराखंड में भी दस्तक देने ही वाला है। जिसके लिए प्रशासन और सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। इस दौरान सबसे ज्यादा सतर्कता चार धाम यात्रा को लेकर रहती है। बरसात में यात्रा को सुरक्षित कराना सबसे बड़ी चुनौती है। विशेषकर केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए प्रशासन ने प्लानिंग तैयार की है। इसके लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक सार्वजनिक उद्घोषणा सिस्टम (पब्लिक एड्रस सिस्टम) विकसित किया जाएगा। रोजाना पांच से छह हजार यात्री ही सोनप्रयाग से केदारनाथ यात्रा कर पाएंगे। बरसात के दौरान गौरीकुंड से लेकर छौड़ी, चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, यार कल लिनचोली, छानी कैंप के बीच बरसात में पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है। इसी साथ ही रामबाड़ा से छानी कैंप तक एवलांच जोन है। ऐसे में बरसात में यहां यात्रियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए प्रशासन ने अपने स्तर से प्लानिंग की है। इन पड़ावों पर यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाएगा।

वहीं लाउडस्पीकर के जरिए यात्रियों को मौसम और पैदल मार्ग के बारे में बताया जाएगा। इसी के साथ ही तेज बारिश और रास्ता अवरूद्ध होने की स्थिति में सोनप्रयाग व केदारनाथ से यात्रियों को आगे नहीं जाने दिया जाएगा। इसी के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून पांच दिन की देरी से 25 जून को उत्तराखंड में प्रवेश करेगा, लेकिन इससे पहले 21 और 22 जून को प्री मानसून की अच्छी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग उत्तराखंड में बारिश के साथ आकाशीय बिजली चमकने को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आज भी प्रदेश में कहीं-कहीं हल्की से तीव्र बारिश की संभावना जताई है।

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