उत्तराखंडराजनीति

क्या भगत दा ने शुरू कर दी राजनीति की पिच पर बैटिंग? कुमाऊं की नब्ज टटोलकर दिल्ली निकले

Uttarakhand Poltics News: जब महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर भगत सिंह कोश्यारी लौटे थे, तब उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूर रहने की बात कही थी। हालांकि, उस वक्त ही साफ हो गया था कि भगत दा इतनी जल्दी शांत बैठने वाले नेता नहीं है। अपनी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा राजनीति को समर्पित करने वाले कोश्यारी भले ही इस वक्त किसी पद पर न हो, लेकिन चर्चाओं में वो अभी भी बने हुए हैं। देहरादून से कुमाऊं के भ्रमण पर निकले भगत सिंह कोश्यारी कुछ दिन नैनीताल, चंपावत, खटीमा, बनबसा और हल्द्वानी में बिताने के बाद एक बार फिर से दिल्ली की तरफ चले गए हैं। लिहाजा, भगत सिंह कोश्यारी की कुमाऊं में एंट्री हो या फिर उनके आसपास घूम रहे बीजेपी नेताओं की वीडियो बता रही है कि भगत दा के मन में अभी भी कई तरह की संभावनाएं कौंध रही है।

अगर भगत सिंह कोश्यारी के राजनीतिक सफर पर गौर करें तो वे सांसद, मुख्यमंत्री, राज्यपाल समेत कई छोटे-बड़े पदों पर रह चुके हैं। उनकी छवि उत्तराखंड में खांटी नेता की रही है। गढ़वाल और कुमाऊं में उनके जनसमर्थन को न पार्टी नजरअंदाज कर सकती है, न ही कांग्रेस। यही कारण है कि राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद से ही यह कयासबाजी लगाई जा रही थी कि कोश्यारी उत्तराखंड की राजनीति में दोबारा से सक्रिय हो सकते हैं। हालांकि, बीजेपी और खुद भगत सिंह कोश्यारी इस बात को खारिज करते रहे हैं, लेकिन जिस तरह से देहरादून में होली से पहले प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद वे सीधे कुमाऊं के भ्रमण पर निकले। उसके बाद लगातार उनके स्वागत कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ और कार्यकर्ताओं का उत्साह यह बता रहा है कि इस उम्र में भी भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर से राजनीतिक पारी खेल सकते हैं। भगत सिंह कोश्यारी जिस तरह से दिल्ली में जाकर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की है, उसके बाद और भी उनकी सक्रियता पर चर्चा होनी लाजमी है।

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