धामी जी ये तस्वीर दर्द देती है! मरीज को डंडी-कंडी पर लाद 7 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल..कोसों दूर है विकास
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आज भी सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी है। पहाड़ों से आज भी सरकारी सेवाएं काफी दूर हैं। बागेश्वर का लीती पंचायत क्षेत्र का डांगती गांव भी सरकारी मूलभूत सुविधा के लिए टकटकी लगाए बैठा है। लेकिन सरकारी सेवाएं पहाड़ चढ़ ही नहीं पा रही हैं। अब आलम ये हो गया है कि गांव में अगर किसी बीमार, बुजुर्ग या गर्भवती को अस्पताल ले जाना पड़े, तो पहाड़ में रहने का दर्द उभर आता है। ये तस्वीरें भी इसी की बानगी हैं। डांगती गांव में पुरुष और महिलाएं बीमार को डंडी-कंडी के सहारे 7 किलोमीटर पैदल पहाड़ नापकर पहले सड़क तक पहुंचाते और फिर वाहन के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट। गजब की बात ये है कि गांव में पुरुषों की संख्या कम होने पर महिलाएं पूरे दमखम के साथ बीमारों को अस्पताल पहुंचाने का हौसला भी रखती हैं। लंबे समय से परेशान गांव के लोग सरकारों से मूलभूत सुविधाएं देने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन ये तस्वीरें हकीकत को साफ तौर पर बयां करती हैं कि किस तरह से सरकारें जनता की समस्याओं के प्रति गंभीर हैं।