भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार का एक्शन, पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी बर्खास्त
उत्तराखंड सरकार अब ऐसे तमाम मामलों पर तेजी से कार्रवाई करने में जुट गई है, जिन पर जांच पूरी हो चुकी है और उसके बावजूद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही थी। इसी क्रम में सरकार ने पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को हटाने के निर्देश जारी किए हैं। हरि मोहन नेगी पर वित्तीय अनियमितताओं के कई आरोप लगे हैं। खास बात यह है कि कोरोना काल के दौरान भी हुई खरीद में अनियमितता पाए जाने की पुष्टि विभिन्न जांचों में हुई है। शासन ने यह निर्णय जिलाधिकारी और शहरी विकास निदेशालय की जांच व नेगी से जवाब मिलने के बाद लिया है। दरअसल पुरोला नगर पंचायत स्तर पर ही तमाम वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद इन शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी स्तर पर भी जांच की गई।
इसके बाद निदेशालय और शासन स्तर पर भी नगर पंचायत में हुए कामों की जांच की गई। जिसमें गड़बड़ियों की पुष्टि हुई है। शासन ने इन सभी जांचों पर कार्रवाई करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष हरि मोहन नेगी को हटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही इस सीट को रिक्त कर दिया गया है। नगर पंचायत पुरोला के वार्ड नंबर 1, 2, 3 और 6 के सभासदों क्रमश: भुवनेश, सुषमा चौहान, धनवीरी चौहान और विनोद नौडियाल ने अध्यक्ष हरिमोहन नेगी पर वित्तीय अनिमितताओं का आरोप लगाते हुए शपथपत्र के साथ लिखित शिकायत डीएम और शहरी विकास निदेशालय को दी थी। अध्यक्ष नेगी पर राज्य वित्त सहित 15वें वित्त और अवस्थापना मदों के तहत कराए गए कार्यों में अनियमितता, बोर्ड बैठक के प्रस्ताव के अभिलेखों में ओवरराइटिंग, कोविड-19 के दौरान 26.25 लाख के सामान खरीदने, चार कार्मिकों को आउटसोर्सिंग से भर्ती करने, विद्युतीकरण में फर्जीवाड़े, निजी वाहनों में डीजल-पेट्रोल का इस्तेमाल करते हुए नगर पंचायत से भुगतान जैसे संगीन आरोप थे।