दिल्ली में सीएम धामी ने उद्यमियों से किया संवाद, उत्तराखंड में निवेश का किया आह्वान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में देश के उद्योग जगत से जुड़े उद्यमियों से संवाद कर उद्यमियों का उत्तराखण्ड को अपनी कर्मभूमि बनाने का आह्वान किया। उत्तराखण्ड को देश में तेजी से विकास करने वाला राज्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे उद्यमी राज्य के ब्रांड एम्बेसडर है। संवाद के दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखने के साथ राज्य में निवेश की भी सहमति जताई।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की अर्थ व्यवस्था को USD 5 ट्रिलियन बनाये जाने का लक्ष्य रखा है। इसी को ध्यान में रखते हुये उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके अन्तर्गत अगले 5 वर्षों में राज्य की जीएसडीपी दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की निवेशक केन्द्रित नीतियां, बुनियादी ढांचे में निवेश, कुशल जनशक्ति की उपलब्धता और गुड गवर्नेस के द्वारा राज्य में स्वस्थ निवेश के वातावरण की नींव रखी है। बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण, नवाचारों का प्रोत्साहन एवं अन्तर्विभागीय समन्वय तथा विकास कार्याें के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु नीति आयोग की तरह राज्य में सेतु (State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand) का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की भांति राज्य सरकार द्वारा भी अनुपयोगी अधिनियमों को हटाने/बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है। अब तक लगभग 1250 ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को बेहतर एवं समयबद्ध सुविधायें देने हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जा रहा है। राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के सृजन तथा निवेशकों को आकर्षित करने हेतु उत्तराखण्ड इन्वेस्टमेंट एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक दृश्टि से सशक्त राज्य की परिकल्पना आज सभी राज्य कर रहे हैं। हमने भी उत्तराखण्ड को वर्श 2025 तक देष का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु हम सामुहिक प्रयासों के द्वारा प्रधानमंत्री जी की अवधारणा ’’सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’’ इस मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में कार्य कर रहे है।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में पिछले 09 सालों में उत्तराखण्ड राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को विभिन्न विकास योजनाएं दी गई है। चार धाम ऑल वेदर रोड पर तीव्र गति से काम किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य पर तेजी से कार्य चल रहा है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत कार्य प्रगति पर हैं। प्रधानमंत्री जी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। इससे आने वाले समय में यात्रा सुगम होगी। ऋषिकेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। पवित्र चारधाम मंदिर, हरिद्वार व ऋशिकेष में मोक्षदायिनी गंगा के साथ-साथ मानसखण्ड मंदिर मिषन प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मांकन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है।
उन्होंने कहा कि राज्य में ’’ईज आफ डूईंग बिजनेस’’ के साथ-साथ ’’पीस आफ डूईंग बिजनेस’’ भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असंतोष की घटनायें न के बराबर हैं। श्रमिक असंतोष के कारण उद्योगों में मानव श्रम का ह्रास देश में सबसे कम है। उत्तराखण्ड में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 22 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में पिछले 09 सालों में उत्तराखण्ड राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को विभिन्न विकास योजनाएं दी गई है। चार धाम ऑल वेदर रोड पर तीव्र गति से काम किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य पर तेजी से कार्य चल रहा है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत कार्य प्रगति पर हैं। प्रधानमंत्री जी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। इससे आने वाले समय में यात्रा सुगम होगी। ऋषिकेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। पवित्र चारधाम मंदिर, हरिद्वार व ऋशिकेष में मोक्षदायिनी गंगा के साथ-साथ मानसखण्ड मंदिर मिषन प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मांकन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है।
उन्होंने कहा कि राज्य में ’’ईज आफ डूईंग बिजनेस’’ के साथ-साथ ’’पीस आफ डूईंग बिजनेस’’ भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असंतोष की घटनायें न के बराबर हैं। श्रमिक असंतोष के कारण उद्योगों में मानव श्रम का ह्रास देश में सबसे कम है। उत्तराखण्ड में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 22 प्रतिशत कम अपराध दर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देष में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ’’LEADS’’ रैंकिंग में वर्श 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ’’लीडर’’ श्रेणी में शामिल है। राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित ’’इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल’’ की स्थापना की है, जो निवेशकों/व्यवसायियों के लिये ’’वन स्टॉप शॉप’’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल www. investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 2003 के बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा स्वीकृत किये गये विशेष औद्योगिक पैकेज से औद्योगीकरण में तेजी आई है। राज्य में तीन बडे औद्योगिक पार्क बनाये गये हैं। राज्य की नीति संरचना में पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं। हमने विभिन्न क्षेत्रों में 27 नीतियां प्रख्यापित की हैं। राज्य की सभी नीतियां निवेशक अनुकूल हैं और हमने अन्य राज्यों की तुलना में अपनी नीतियों को आकर्षक बनाया है। राज्य में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु बना लिया है। इसके साथ-साथ उद्योगों के लिये आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निजी औद्योगिक आस्थानों/क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 लागू की है। निजी क्षेत्र में उद्योग स्थापना हेतु यदि 80 प्रतिशत भूमि उद्यमी द्वारा क्रय कर ली जाती है और शेष भूमि क्रय करने में बाधा उत्पन्न होती है, तो राज्य सरकार द्वारा उक्त भूमि का अधिग्रहण कर उपलब्ध कराया जायेगा। कम अपराध दर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देष में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ’’LEADS’’ रैंकिंग में वर्श 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ’’लीडर’’ श्रेणी में शामिल है। राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित ’’इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल’’ की स्थापना की है, जो निवेशकों/व्यवसायियों के लिये ’’वन स्टॉप शॉप’’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल www. investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 2003 के बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा स्वीकृत किये गये विशेष औद्योगिक पैकेज से औद्योगीकरण में तेजी आई है। राज्य में तीन बडे औद्योगिक पार्क बनाये गये हैं। राज्य की नीति संरचना में पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं। हमने विभिन्न क्षेत्रों में 27 नीतियां प्रख्यापित की हैं। राज्य की सभी नीतियां निवेशक अनुकूल हैं और हमने अन्य राज्यों की तुलना में अपनी नीतियों को आकर्षक बनाया है। राज्य में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु बना लिया है। इसके साथ-साथ उद्योगों के लिये आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निजी औद्योगिक आस्थानों/क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 लागू की है। निजी क्षेत्र में उद्योग स्थापना हेतु यदि 80 प्रतिशत भूमि उद्यमी द्वारा क्रय कर ली जाती है और शेष भूमि क्रय करने में बाधा उत्पन्न होती है, तो राज्य सरकार द्वारा उक्त भूमि का अधिग्रहण कर उपलब्ध कराया जायेगा।