उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव पर शिमला में मुकदमा दर्ज, हिमाचल सरकार गिराने की रची थी साजिश!
हिमाचल प्रदेश की सियासत में एक और मोड़ आ गया है। राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करने के मामले में अब खरीद फरोख्त के आरोप लगे हैं। साथ ही मुकदमा भी दर्ज हुआ है। शिमला पुलिस ने निर्दलीय विधायक के पिता जो कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। रिपोर्ट एक निर्दलीय विधायक पर भी की गई है। हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के बागी विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन देन के आरोप लगाए गए हैं। मामले की शिकायत विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने पुलिस थाना बालूगंज में दर्ज करवाई है। पुलिस को दी शिकायत में विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन देन के आरोप लगाए हैं।
गैर कानूनी तरीके से सरकार गिराने और विधायकों के पांच से सात सितारा होटलों में रहने की व्यवस्था करने और हेलीकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने के भी आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड में उच्च अधिकारी के पद पर रहे हैं और उन्होंने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा है। राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने व करोड़ों के लेन देन के आरोपों के इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस थाना बालूगंज में आरोपियों के खिलाफ 171 सी और ई, 120बी आईपीसी एवं पीसी एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिमला पुलिस का पूरे मामले की गहनता से जांच कर ही है। हालांकि पुलिस के अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। राकेश शर्मा 2013 से 2016 तक उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव रहे। उनकी राजनैतिक आकाक्षाएं काफी बड़ी थीं। चर्चा शुरू होने लगी थी कि रिटायरमेंट के तत्काल बाद राकेश शर्मा उत्तराखंड की किच्छा सीट से विस चुनाव लड़ सकते हैं। ये मामला काफी चर्चाओं में रहा था। उसी समय चर्चाए थीं कि वह भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। कार्यकाल के दौरान राकेश शर्मा के साथ तमाम विवाद भी जुड़े रहे।