उत्तराखंडदेहरादून

CM धामी की अध्यक्षता में आज होगी मंत्रिमंडल की बैठक, कई प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

उत्तराखंड से बड़ी खबर आ रही है। जहां सीएम धामी के दिल्ली दौरे से एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है वहीं धामी कैबिनेट को लेकर बड़ा अपडेट आ रहा है। बताया जा रह है कि धामी कैबिनेट की बैठक 4 दिसंबर को हो सकती है । ये बैठक ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पूर्व होगी। जिसमें कई अहम मुद्दों पर मुहर लगा सकती है। मिली जानकारी के अनुसार धामी कैबिनेट की बैठक 4 दिसंबर को दोपहर 12:30 बजे होगी। ये बैठक सचिवालय के विश्वकर्मा भवन में स्थित वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली सभागार में होगी। बताया जा रहा है कि बैठक में साथ ही कई विभागों के प्रस्ताव भी बैठक में आएंगे। बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी विधानसभा के विशेष सत्र को आहूत करने के निर्णय पर भी फैसला लिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चार दिसंबर को सचिवालय में कैबिनेट बैठक होने जा रही है। मंत्रिपरिषद के सचिव शैलेश बगोली ने सभी मंत्रियों को बैठक के संबंध में सूचना भेज दी है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नजूल नीति को बढ़ाने, वर्ष 2004 से 2005 के बीच जारी विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त होने वाले कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ, प्राइवेट हेलीपैड बनाने की अनुमति समेत कई अहम प्रस्तावों पर फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चार दिसंबर को सचिवालय में कैबिनेट बैठक होने जा रही है। मंत्रिपरिषद के सचिव शैलेश बगोली ने सभी मंत्रियों को बैठक के संबंध में सूचना भेज दी है। वहीं आठ व नौ दिसंबर को होने वाली इन्वेस्टर्स समिट को लेकर भी निर्णय हो सकते हैं। इसमें इन्वेस्टमेंट से जुड़े कई मामलों उद्योगो क़ो राहत देने क़ो लेकर कुछ फैसले हो सकते हैं।

वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड मंत्रिमंडल में खाली चल रहे चार मंत्रियों के पद भरे जा सकते हैं। सियासी गलियारों में इसकी चर्चा तेज हो गई है। सिर्फ मंत्री पद ही नहीं कुछ और भाजपा नेताओं को इसी महीने दायित्व दिए जाने की संभावना है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश सरकार में विभिन्न बोर्डों, निगमों और आयोगों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों के खाली पदों पर पार्टी कई नेताओं की ताजपोशी कर चुके है। अब तक दायित्वों की दो सूचियां जारी हो चुकी हैं। प्रदेश अध्यक्ष भी पूर्व में दायित्व की चार सूचियां जारी होने के संकेत दे चुके हैं

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